Pariyo ki kahani in Hindi “परियों की कहानी”
बचपन में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने अपनी दादी या नानी से परियों की कहानी ना सुनी होगी वैसे भी परियों की कहानी होती ही थी बहुत ही इंटरेस्टिंग एक बार सुनने से मन ही नहीं भर्ती थी।
मगर आज मैं आपको उन बचपन की कहानियों से बढ़कर एक बहुत ही इंटरेस्टिंग और मजेदार परियों की कहानी आपके लिए लेकर आया हूं यह कहानी बिल्कुल ही नया होगा आपने शायद ही आज से पहले इस प्रकार की कोई कहानी पढ़ी होगी।

Pariyo ki kahani” परियों की कहानी।”
एक बच्चा था जिसका नाम देवेंद्र कुमार यादव था वह बचपन से ही अपनी दादी के द्वारा बहुत सारी परियों की कहानी सुना करता था।
उसने सैकड़ों परियों की कहानी सुनी थी बचपन से ही परियों की कहानी बहुत अत्यधिक सुनने के कारण उसे लगने लगा था कि वास्तव में परियां होती है।
बहुत अधिक परियों की कहानी सुनने कारण उसके अंदर अच्छी बातें जैसे कि परोपकार करना गरीबों का मदद करना भूखे को खाना खिलाना इत्यादि जो परिया अच्छी-अच्छी काम करती है उसके अंदर भी यह सभी गुण आ चुके थे।
वह लड़का हमेशा दूसरों की मदद करता था और मन ही मन सोचता था कि मैं सभी का मदद करता हूं एक न एक दिन मुझसे परी पक्का मिलने आएगी।
वह अपने काम को जब खत्म करके जब भी खाली बैठा होता तो हमेशा परियों के बारे में सोचता था उसके मन में हमेशा परियों के बारे में जानने की इच्छा होती थी उनसे मिलने की इच्छा होती थी क्योंकि उसे विश्वास हो चुका था कि इस दुनिया में परियां होती है।
उसे लगता था की प्रिया को जब भी दूसरों की मदद करने से फुर्सत मिलेगा तो वह मुझसे मिलने अवश्य आएगी यही सब ख्यालों का पिटारा लेकर वह लड़का अपने कार्य को करते हुए अपने जीवन को खुशी पूर्वक जी रहा था।
दिन बीता जा रहा था परंतु उस लड़के को अभी तक परियों से मुलाकात नहीं हुई थी वह अपनी मन की बात को अपने मन में ही रखता था तभी उसने सोचा की परिया तभी उससे मिलने आएगी जब वह किसी मुश्किल में हो।

तभी उसने सोचा कि मैं खुद से मुश्किल में जाऊंगा जिससे कि मेरी मुलाकात परियों से हो जाए।
तभी उसने विचार किया है और सड़क पर एक तेज रफ्तार गाड़ी को देखते हुए तेजी से उसके तरफ बढ़ने लगा उसने सोचा कि जब वह उसके सामने जाएगा और उसकी दुर्घटना हो उससे पहले परी उसे बचा लेगी परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ।
वह लड़का उस गाड़ी की चपेट में आ गया और उस गाड़ी के ड्राइवर ने उस व्यक्ति की बचाने की कोशिश बहुत की परंतु गाड़ी का एक पहिया उसके एक पैर पर चढ़ गया।
जिससे उस लड़के के एक पैर पूरी तरह बर्बाद हो गया, जिससे कि वह विकलांग हो गया।
तब वह लड़का विकलांग होने के बाद बहुत दुखी रहने लगा और तब उसने अपने मन की बात को अपने करीबियों को बताया तभी उनके करीबियों ने उसे वास्तविकता से रूबरू कराय।
मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी फिर भी बड़ी गनीमत यह रही कि उस लड़के की जान बच गई।
No 2. परियों की कहानी।
“जादुई परियों की कहानी”
धरती के ऊपर आसमानों में अपना एक बसेरा बना कर बहुत सारी परियां रहती थी वे पूरी पृथ्वी के इंसान देख सकती थी मगर हम इंसानों ने उनके चाहे बिना उन्हें नहीं देख सकते थे।
उन सभी परियों के पास कोई खास जादुई शक्ति नहीं थी परंतु उन्हीं परियों में एक नन्ही परी का जन्म हुआ असंभव की बात यह थी कि वह परी बहुत ही दयालु थी और उसके पास बहुत सारी दैवीय शक्ति अर्थात जादुई शक्ति थी।
पूरे परियों के झुंड में उस नन्ही परी को सब बालपरी कहते थे और वह बहुत ही दयालु दूसरों की मदद करने वाली स्वभाव की थी वह सबकी मदद करती थी परंतु वह बच्चों का सबसे अधिक मदद करती थी।

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अगर कोई बच्चा भूखा है, चाहे उसे किसी प्रकार का दुख है,चाहे वह किसी प्रकार का खिलौना चाहता है और बाल परी को पता चल जाता था कि उस बच्चे को किसी चीज की आवश्यकता है तो वह उस बच्चे के पास जाकर उसे अपनी जादुई शक्ति से उसकी आवश्यकता की चीज को उसे दे दिया करती थी।
वह हमेशा लोगों की मदद करती थी तभी एक दिन वह एक बच्चे को बहुत ही शांत रूप में बैठे हुई देखी उसे देखकर लगा कि वह बच्चा बहुत ही अधिक दुखी है।
तभी बाल परी ने सोचा कि क्यों न इस बच्चे की मदद करके इसके दुख को खत्म कर दिया जाए वह इसी मंशा के साथ उस बच्चे के पास पहुंची।
वह बच्चा वास्तव में बहुत दुखी था परंतु जब बाल परी ने उस बच्चे से उसका दुख का के कारण पूछे तो वह हैरान रह गई।
उस बच्चे ने बड़ी से कहा- मेरा दुख का कारण यह है कि मेरे मोहल्ले में बहुत सारे गरीब बच्चे हैं जो पढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके माता-पिता बहुत गरीब है इसलिए उन्हें पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती है।
मुझे इस बात से बहुत दुख होता है मैं सोचता हूं कि अगर मेरे पास कोई जादुई शक्ति होता तो मैं उन सभी अपने मित्रों को बहुत सारे किताबे देकर उन्हें पढ़ाता।

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बाल परी उस बच्चे की निश्छल बात को सुनकर बहुत खुश हुई तभी उसने सोचा कि मैं इस बच्चे को निरंतर मदद करूंगी और इसके नेक काम में अपना पूरा सहयोग करूंगी।
बाल परी ने- उस बच्चे को एक जादुई छड़ी दिया और बोला कि तुम इस जादुई छड़ी से जितनी चाहे उतनी बुक्स बना सकते हो अर्थात किताबे बना सकते हो और तुम उन बच्चों को अपने इन किताबों को भेंट कर देना ताकि वह पढ़ सके।
और बाल परी ने यह भी कहा अगर तुम्हें किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता पड़े तो तुम मुझे इस छड़ी को पकड़कर याद कर लेना मैं स्वयं ही तुम्हारे पास पहुंच जाऊंगी।
अब वह बच्चा, बाल परी के साथ मिलकर अपने मोहल्ले के सभी बच्चों को मुफ्त में शिक्षा उपलब्ध कराए रही है इसी प्रकार वह अपने नेक कार्य करती चली जा रही है।
Conclusion.
दोस्तों मुझे पूरा आशा है कि आपको हमारे परियों की कहानी पसंद आई होगी और आपको हमारे परियों की कहानी के माध्यम से अच्छी नॉलेज मिली प्राप्त हुई होगी।
और अगर आपको इसी प्रकार की और सारी कहानियां सुननी है तो आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप को और किन प्रकार की कहानियां को सुनना है, और आप हमारे इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
धन्यवाद.
